आज हम आपको एक बड़ी ही महत्वपूर्ण बात बताते हैं,
जब हम किसी पर क्रोध करतें हैं तो हम दोनों पास-पास होतें हुए भी तेज आवाज में बोलने लगते हैं,इसका प्रमुख कारण दो दिलो के बीच की दुरी बढ़ जाना है, और जब हम सामान्य दशा में होते है तो धीरे-धीरे बातें करतें हैं, उस समय दो दिलो के बीच की दुरी कम होती है, और जब हम अत्यधिक स्नेह करते है तो उस समय बात करने कि आवश्यकता नहीं पड़ती बल्कि देख कर ही दोनों एक दुसरे कि भावनाओ को समझ जातें हैं, उस समय दो दिलो के बीच कोई दुरी नहीं होती है,(दो दिलो के बीच की दुरी ख़त्म )
आपका प्यारा-
अरुण-संगती
मंगलवार, 23 नवंबर 2010
सोमवार, 22 नवंबर 2010
my best friend
मानव वही जिनमे मानवता हो,
प्रेम वही कर सकता है जिनमे भावना की प्रधानता होती है,
आप तो प्रेम के सागर है, भावना तो आप की रगों में बह रही
है, अत: अपने सभी परिवार के जनों को भाव बिह्वल कर दीजिए
आज की यही हमारी आप से आपेक्षा है,
आगे फिर आपसे मिलेगे ....
आपका - अरुण - संगती
प्रेम वही कर सकता है जिनमे भावना की प्रधानता होती है,
आप तो प्रेम के सागर है, भावना तो आप की रगों में बह रही
है, अत: अपने सभी परिवार के जनों को भाव बिह्वल कर दीजिए
आज की यही हमारी आप से आपेक्षा है,
आगे फिर आपसे मिलेगे ....
आपका - अरुण - संगती
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