मंगलवार, 24 जनवरी 2017

महापुरूष

हमारे सभी विद्वान मित्रगण आप सब ज्ञानी होते हुए भी महापुरूषो पर दोषारोपण करते हैं , जरा उनके द्वारा किये गये अच्छे कार्यो पर ध्यान दीजिए, उनके बताये अच्छे रास्तो पर चल कर देखिए तो सही, कोई जन्म से सर्वज्ञ नही होता है ,जीवन मे स्वयं द्वारा किये गये कृत्यो या समाज मे अन्य साथियो द्वारा किये गये कृत्यो से अनुभव ले कर अपने जीवन मे परिवर्तन लाकर ही महापुरूष बनता है,जन्म से कोई महापुरूष नही होता है, सभी मित्रो के लेख मे भी सकारात्मकता देखने का हमारा भी नजरिया होना चाहिए , और काबिल लोग ही सामंजस्य बैठा कर कार्य करते है , केवल एक दॉत के सहयोग से भोजन के निवाले  को चबाकर निगला नही जा सकता है , उसके लिए अलग अलग तरह के विभिन्न स्थानो पर रहने वाले दॉतो के सहयोग से ही निवाले को चबाकर निगला जा सकता है, /सभी महापुरूषों  की महानता किसी अलग अलग क्षेत्र में हो सकती है, हमारे कहने का एक ही आशय है कि महापुरूषों में बुराई न देख कर केवल अच्छाई ही देखकर उन्हे स्वीकार करें, बाजार मे बहुत सी सामग्री होती है , अपनी आवश्यकता एवं पसन्द अनुसार हम उन्हे लेते है, लेकिन ऐसा नही है कि जिन वस्तुओ की पसन्द या आवश्यकता आप को है , वही पसन्द अन्य की भी हो, / अतएवं सब का सम्मान बनाये रखिए , आप को भी मिलेगा,यदि समय मिले तो आप सब के  प्रति क्रिया की अपेक्षा रहेगी - संगम पाण्डेय